इस बीमारी के चलते चीन ने हजारों सूअरों को मारा
सेहतराग टीम
जानवरों से फैलने वाली एक और बीमारी ने इस वर्ष चीन में पांव पसार लिया है। अभी कुछ महीने पहले तक केरल में चमगादड़ों से निपाह वायरस के फैलने ने घबराहट फैला दी थी। अफ्रीका में इबोला वायरस ने कई लोगों की जान ले ली है। अब बड़ी खबर चीन से आ रही है जहां पशुओं में अफ्रीकन फीवर की बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हजारों सुअरों की जान ले ली गई है।
चीन के एक पूर्वी शहर में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की बीमारी की रोकथाम के लिए 14,500 से अधिक सूअरों को मार दिया गया है। बीजिंग ने अगस्त के शुरू में अपने यहां इस बीमारी का पहला मामला सामने आने की सूचना दी थी और तब से यह विषाणु देश के कई शहरों में फैल चुका है। इससे बड़े पैमाने पर सूअरों को मारने की आवश्यकता उत्पन्न हो गई है।
चीन सूअर के मांस के उत्पादन के मामले में विश्व में पहले नंबर पर है। अफ्रीकन स्वाइन फीवर मनुष्य के लिए घातक नहीं है, लेकिन इसकी चपेट में आने वाले पालतू सूअरों को रक्तस्राव की समस्या होने लगती है। इसे रोकने के लिए कोई टीका नहीं है और बीमारी के प्रसार को रोकने का एकमात्र तरीका संक्रमित मवेशी को मार देना ही है।
बंदरगाह शहर लिनयुगांग की स्थानीय सरकार ने कहा कि उसने गत सोमवार की रात तक 14,500 सूअरों को मारा है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने मई में आगाह किया था कि रूस में फैला अफ्रीकन स्वाइन फीवर अन्य जगह भी फैल सकता है।
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